सम्पूर्ण प्रार्थना गीत
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँहे शारदे माँ,
हे शारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
हे शारदे माँ..तू स्वर की देवी,
ये संगीत तुझसे
हर शब्द तेरा है,
हर गीत तुझसे हम है अकेले,
हम है अधूरे
तेरी शरण हम,
हमें प्यार दे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँमुनियों ने समझी, गुनियों ने जानी
वेदोंकी भाषा, पुराणों की बानी
हम भी तो समझे, हम भी तो जाने
विद्या का हमको अधिकार दे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
तू श्वेतवर्णी, कमल पर विराजे
हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे
मन से हमारे मिटाके अँधेरे,
हमको उजालों का संसार दे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
इतनी शक्ति हमें देना दाता
इतनी शक्ति हमें देना दाता
मन का विश्वास कमजोर हो ना।
इतनी शक्ति हमें देना दाता,
मन का विश्वास कमजोर हो ना।
हम चले नेक रस्ते पे हमसे,
भूलकर भी कोई भूल हो ना॥
इतनी शक्ति हमें देना दाता,
मन का विश्वास कमजोर हो ना
दूर अज्ञान के हो अंधेरे,
तू हमें ज्ञान की रौशनी दे।
हर बुराई से बचते रहें हम,
जितनी भी दे भली ज़िन्दगी दे॥
बैर हो ना किसी का किसी से,
भावना मन में बदले की हो ना।
ऐ मालिक तेरे बंदे हम
ऐ मालिक तेरे बंदे हम,
ऐसे हो हमारे करम।
नेकी पर चले और बदी से टले,
ताकी हसते हुये निकले दम॥
ऐ मालिक तेरे बंदे हम।
ऐ मालिक तेरे बंदे हम,
ऐसे हो हमारे करम
बड़ा कमजोर है आदमी,
अभी लाखों हैं इस में कमी।
पर तू जो खड़ा, है दयालू बड़ा,
तेरी किरपा से धरती थमी॥
दिया तूने हमें जब जनम,
तू ही झेलेगा हम सब के ग़म।
नेकी पर चले और बदी से टले,
ताकी हसते हुये निकले दम॥
ऐ मालिक तेरे बंदे हम
ये अंधेरा घना छा रहा,
तेरा इन्सान घबरा रहा।
हो रहा बेख़बर, कुछ ना आता नज़र,
सुख का सूरज छुपा जा रहा॥
है तेरी रोशनी में जो दम,
तो अमावस को कर दे पूनम।
नेकी पर चले और बदी से टले,
ताकी हसते हुये निकले दम॥
ऐ मालिक तेरे बंदे हम
है तेरी रोशनी में जो दम,
तो अमावस को कर दे पूनम
जब जुल्मों का हो सामना,
तब तू ही हमें थामना।
वो बुराई करे, हम भलाई करे,
नहीं बदले की हो कामना॥
नेकी पर चले और बदी से टले,
ताकी हसते हुये निकले दम॥
ऐ मालिक तेरे बंदे हम
बढ़ उठे प्यार का हर कदम,
और मिटे बैर का ये भरम।
नेकी पर चले और बदी से टले,
ताकी हसते हुये निकले दम॥
ऐ मालिक तेरे बंदे हम
जब जुल्मों का हो सामना,
तब तू ही हमें थामना
ऐ मालिक तेरे बंदे हम,
ऐसे हो हमारे करम।
नेकी पर चले और बदी से टले,
ताकी हसते हुये निकले दम॥
हम को मन की शक्ति देना,
मन विजय करे
हम को मन की शक्ति देना,
मन विजय करे
दूसरों की जय से पहले,
खुद को जय करे
भेदभाव अपने दिल से साफ़ कर सके
दोस्तों से भूल हो तो माफ़ कर सके
झूठ से बचे रहें, सच का दम भरे
दूसरों की जय से पहले,
खुद को जय करे
हम को मन की शक्ति देना,
मन विजय करे
दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करे
हम को मन की शक्ति देना
मुश्किलें पड़े तो हम पे इतना कर्म कर
साथ दे तो धर्म का, चले तो धर्म पर
खुद पे हौसला रहे, बदी से ना डरे
दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करे
हम को मन की शक्ति देना,
मन विजय करे
दूसरों की जय से पहले,
खुद को जय करे
हम को मन की शक्ति देना
तुम ही हो माता, पिता तुम्ही हो
तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो।
तुम्ही हो बंधू सखा तुम्ही हो॥
तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो,
तुम्ही हो बंधू सखा तुम्ही हो
तुम ही हो साथी, तुम ही सहारे
कोई ना अपना सिवा तुम्हारे।
तुम ही हो नईया, तुम ही खिवईया
तुम ही हो बंधू, सखा तुम ही हो॥
तुम ही हो माता, पिता तुम्ही हो।
तुम ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो॥
तुम ही हो नईया,
तुम ही खिवईया,
कोई ना अपना सिवा तुम्हारे
जो खिल सके ना वो फूल हम हैं
तुम्हारे चरणों की धूल हम हैं।
दया की दृष्टि सदा ही रखना
तुम ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो॥
तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो।
तुम्ही हो बंधू सखा तुम्ही हो॥
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